Sunday, March 28, 2010

अमिताभ बच्चन इन Pune

आज मैं वृंदा नगर गया ..जी हाँ पुणे मैं हैं....वहां पर मराठी साहित्य सम्मेलन हो रहा था....आज के अतिथी थे श्री अमिताभ बच्चन ..जी हाँ वोह पुणे मैं ए..उनको देखने के लिए काफी भीड़ थी। मैं भी गया था ताकि उनके दर्शन हो जाये , उनको ने पुणे के बारे मैं काफी कुछ अच कहा के उनका पुणे से और मराठी भाषा से कितना लगाब है .उन्होंने उनके पिताः की कविताओ का पाठ किया .

पूल पर "पोलिटिक्स "

नमस्कार....आप सब को मेरा रंग नमन .उम्मीद है के आप सभी अछे होंगे !!! आज मैं आप से एक बात बोलना चाहता हूँ । कुछ दिनों पहले अमिताभ बच्चन ने मुंबई मैं एक पूल का उद्घाटन किया, यह काफी अची बात है के के मुंबई को एक और पूल का गौरब मिला । एस कायक्रम काफी लोग शामिल हुए , पर शायद कुछ लोगो को यह सही नहीं लगा के अमिताभ बच्चन वहां पर हैं। मैं किसी के बारे मैं नहीं कहना चाहता क्यूँ की मैं एक कलाकार हूँ और अमिताभ बच्चन एक नामी कलाकार है , क्या यह ज्यादा जरुरी है के पूल का उद्घाटन सही तरीके से हो या के अमिताभ बच्चन वहां क्यूँ आयें ? भाई भारत मैं सभी को रहने का कहें भे जाने का बराबर का अधिकार है ऐसे मैं अमिताभ बच्चन के जाने से ऐसा कोंन सा जुर्म हो गया ?? इस तरह के बातें न तो वहां के सरकार को शोभा देता है और न ही मीडिया को। किसे एक आदमी पर कई तरह के आरोप फिर उनसे माफ़ी ...येः सब क्या ठीक है ? आज के मीडिया एस तरह के बातों को २४ घंटे अपने चंनल मैं लाइव दिखा रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा बिज़नस और विज्ञापन मिल सके .देश के पैसो से मेरा मतलब है के "जनता " के पैसो से जिस पूल का निर्माण होता है..उसका उद्घाटन किसी "आम आदमी " को ही करना चाहेए , काम करते हैं गरीब मजदूर और "शिलान्यंस " करते है देश के नेता और अभिनेता ।